रमेश शर्मा (ब्यूरो चीफ) जैसलमेर— राष्ट्रीय मरु उद्यान में विचरण करने वाले वन्य जीवों की वाटर होल पद्धति के माध्यम से वैशाख पूर्णिमा पर बनाए गए वाटर प्वॉइंट के पास मचान पर बैठकर गणना की जाएगी। हर साल डीएनपी द्वारा वैशाख पूर्णिमा पर चांद की भरपूर रोशनी में वन्य जीवों की गणना की जाती है। वाटर होल पद्धति से की जाने वाली इस गणना को जानकारों के अनुसार काफी हद तक सही भी माना जाता है।
जानकार इसका कारण यह भी बताते है कि भीषण गर्मी के इस मौसम में वन्य जीव दिन में एक बार पानी पीने जरूर आते हैं। उस क्लोजर पर पानी पीने आने वाले वन्य जीवों की गणना की जाती है। इस बार 18 मई की सुबह 8 बजे से 19 मई को सुबह 8 बजे तक पानी के स्थानों के पास मचान बनाकर गणना की जाएगी। डीएनपी एरिया में वैशाख पूर्णिमा पर होनी वाली गणना में मांसाहारी पशुओं में सियार, गिदड़, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरु लोमड़ी शाकाहारी पशुओं में रोजड़ाध, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर, सेही व पक्षियों में गोडावण, गिद्ध, शिकारी पक्षी (बर्ड्स ऑफ प्रे), मोर व सांडा की गणना की जाएगी।
बैशाख पूर्णिमा पर चंद्रमा की धवल चांदनी के बीच वन्य जीवों की गणना के लिए डीएनपी क्षेत्र में 44 वाटर प्वॉइंट बनाए गए हैं। इन वाटर प्वॉइंट एक तकनीकी कर्मचारी व एक स्थानीय ग्रामीण गणक को बिठाया जाएगा, जो लगातार 24 घंटे तक जलीय बिंदु पर पानी पीने आने वाले वन्य जीव की गणना करेंगे। वन्य जीवों की गणना के लिए वन्य जीव रेंज बाड़मेर में 5, म्याजलार रेंज में 12, पोकरण रेंज में 17 एवं जैसलमेर रेंज में 10 वाटर प्वॉइंट्स बनाए गए हैं।
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