राजस्थान भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि जिस तरीके से राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्ववाद की व्याख्या की है, मेरी समझ से परे है कि आखिरकार इनका गुरू कौन है और जो उन्होंने बोला है उसकी स्क्रिप्ट किसने लिखी है।
शर्मा ने कहा कि अगर इसी तरीके से हम मान के चले तो व्यक्ति अलग है व्यक्तित्व अलग है, इंसान अलग है और इंसानियत अलग है, यह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इनको अलग कर पाना मुश्किल है। इसलिए हिंदू और हिंदुत्व के अंदर कोई अंतर नहीं है। एक जीवन पद्धति और एक जीवन शैली है और जिस तरीके से राहुल गांधी बोल हैं और उनकी अगर हिंदू की व्याख्या लोगों के समझ में आती है, तो वो हिंदू की व्याख्या इस आधार पर समझ में आती है कि इस देश के अंदर जो दुखी है, पीड़ित है, परेशान है, और जो दबा हुआ आ रहा है वह राहुल गांधी की नजर में हिंदू है।
कश्मीर में जिनकी बहन बेटियों पर अत्याचार हो या रेप किए गए हो, उसके बावजूद भी वह चुप है तो वह हिंदू है और लाखों शरणार्थी बनकर इसी देश के अंदर रहे, वह कुछ विरोध नहीं करें और उनके लिए न्याय की मांग नहीं करें, तो वह राहुल गांधी की नजर में हिंदू है और जब अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों की मांग उठाने लग जाए और उनका विरोध करने लग जाए तो वह राहुल गांधी की नजर में हिंदुत्ववादी बन जाते हैं।
विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी की नजर के अंदर हिंदू वह है जो जयपुर जैसे गुलाबी नगरी के अंदर आकर आतंकवादी सरेआम बम ब्लास्ट करके चले जाएं और उसके बाद में कोई प्रतिक्रिया नहीं हो और शांत होकर वह सहन करे, वह राहुल गांधी की नजर में हिंदू है और यदि तत्कालीन सरकार चुप रहती है, तो राहुल गांधी की नजर में वह हिंदू है और यदि वर्तमान सरकार क्रिया की प्रतिक्रिया करती है या मुंह तोड़ जवाब देती है तो राहुल गांधी की नजर में वह हिंदुत्ववादी बन जाते हैं। समझ में नहीं आ रहा इस तरीके की व्याख्या जयपुर के अंदर महंगाई के ऊपर आप सभा बुला रहे हो, महंगाई का कार्यक्रम कर रहे हो, महंगाई के ऊपर आप चर्चा नहीं कर रहे हो और इस इस तरीके के बयान देकर जा रहे हो तो लोगों के अंदर आज इस बात का गर्व है कि जिस व्यक्ति के ऊपर अत्याचार हो रहा है वह मुखर होकर बोलने लगा है जो दबे हुए थे, शोषित थे, पीड़ित थे या अपने आप को असहाय महसूस कर रहे थे।
शर्मा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के अंदर चल रही सरकार के अंदर वह अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अपनी बात मुखरता के साथ बोल रहे हैं तो राहुल गांधी, उनके परिवार और पार्टी को ये पीड़ा होने लगी है तो मेरे ख्याल से राजनीतिक व्यक्ति को जो भारत की आत्मा, आध्यात्मिक शक्ति, पहचान और संस्कृति है उसको भी वो विभाजित करने का काम किया है, वह मेरे ख्याल से उचित नहीं है और कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगी चाहिए।
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