देवेंद्र शर्मा...
जयपुर एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर कोटा शहर तथा अलवर इकाई द्वारा आज शाहजहापुर, अलवर में परिवहन विभाग के कर संग्रहण केन्द्र पर संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुये रविन्द्र सिंह भाटी परिवहन निरीक्षक, उसके दलाल रविन्द्र सिंह चौहान, लीलाराम व गजेन्द्र सिंह सहित 7 व्यक्तियों को लाखों रुपये की अवैध रूप से वसूल की गई राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि यह कार्रवाई एसीबी डीजी बीएल सोनी व एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर की गई है।
तो कार्रवाई को लेकर एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी को शाहजंहापुर नाके पर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली किये जाने बाबत सूचना प्राप्त होने पर एसीबी के अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही थी। एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील कुमार एवं अलवर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा सूत्र सूचना का सत्यापन कई बार किया गया।
सूत्र सूचना की पुष्टि होने पर आज एसीबी टीमों द्वारा अलसुबह शाहजहांपुर नाके पर ट्रेप की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान ट्रक चालकों से अवैध वसूली करते हुये चैक पोस्ट पर प्राईवेट व्यक्ति गजेन्द्र सिह को रंगे हाथों पकड़ा गया तथा अवैध वसूल की गई रकम को रखने के संभावित स्थानों की तलाशी ली गई, जिसमें चैक पोस्ट पर ट्रक ड्राइवरों से वसूल की गई। मौके से डिटनशुदा निरीक्षक रविन्द्र सिंह भाटी एवं अन्य कार्मिकों, संविदाकर्मी तथा प्राइवेट कर्मियों के कब्जे से अवैध वसूली गई कुल रकम करीबन 84,000 रुपए बरामद की गई है। इसी क्रम में चैक पोस्ट के पास बनी केबिन में मौजूद दलाल रविन्द्र सिंह चौहान के कब्जे से अवैध रूप से वसूली गई राशि करीब 2,06,000 रुपए बरामद किये गये तथा परिवहन विभाग के अवैध वसूली से संबंधित दस्तावेज प्राप्त बरामद हुये दलाल रविन्द्र सिंह चौहान के चौबारा गांव स्थित घर के बेडरूम की तलाशी में अलमारी से करीब 8,85,000 रुपए एवं परिवहन विभाग के अवैध वसूली से संबंधित दस्तावेज बरामद हुये हैं। मौके पर रविन्द्र सिंह भाटी, परिवहन निरीक्षक तथा दलाल रविन्द्र सिंह चौहान, लीलाराम, गजेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह एवं लोकेश गार्ड, कैलाश गार्ड कुल 7 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा सभी से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ एवं तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।
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