राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में मीडिया से रूबरू हुए इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान पूरा देश में सबसे बड़ा प्रदेश हो गया है, भौगोलिक दृष्टि से भी, पानी तो एक पर्सेंट ही है यहां पर, परंतु भू-भाग जो है वो 10 पर्सेंट है देश का, आबादी साढ़े पांच पर्सेंट है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लोग ढाणियों में गांव में रहते हैं तो इतने बड़े प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं की टॉप प्रायोरिटी रहनी चाहिए, दूर-दूर से लोग आते हैं, पैसा नहीं होता है, उधार लेकर खर्च करते हैं, टॉप प्रायोरिटी पर रखा है स्वास्थ्य सेवाओं को हम लोगों ने, इसलिए आप देख लीजिए की जो प्रोविजन किया गया है, उसके अंदर मैंने प्रोविजन बजट का देख लीजिए करीब 7.6 पर्सेंट किया है, जबकि ऐवरेज राज्यों में 6 पर्सेंट है। तो सब तरीके से हम चाहते हैं कि यहां पर एजुकेशन भी अच्छी हो स्वास्थ्य सेवाओं की।
उन्होंने कहा कि निरोगी राजस्थान का कंसेप्ट है वो Prevention of Medicine, मेडिसिन लेने की जरूरत ही नहीं पड़े, नौबत ही नहीं आए, उसके प्रोटोकॉल को आगे बढ़ाना चाहते हैं हम लोग। इसलिए हम चाहते हैं कि शिक्षा बचपन से ही मिलने लगे बच्चों को मेडिकल के संबंध में, जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाएगा, पाठ्यक्रम बदलता जाएगा। तो तमाम तरह से कोशिश कर रहे हैं, इसलिए आईपीडी टावर, हेल्थ इंस्टीट्यूट, बायोलॉजी लैब, जो जो इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं हैवी इन्वेस्टमेंट हो रहा है और मैं चाहूंगा कि राजस्थान की जनता साथ दे रही है और हम चाहेंगे गांव तक सब सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स, सब जगह उनको सुविधा मिले, यह हमारा प्रयास है, उसमें हम कामयाब होंगे।
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