उन्होंने कहा कि अस्पताल की सभी इकाइयों पर यूनिट हैड राउंड द क्लॉक उपस्थित रहें। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ को भी व्यवस्थित करें ताकि मरीज को किसी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में 969 तरह की दवाएं निशुल्क उपलब्ध है। चिकित्सक मरीजों को दवा की पर्ची ही न लिखें बल्कि उन्हें बैड पर ही उपलब्ध भी कराएं।
चिकित्सा मंत्री मीणा ने एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर की व्यवस्थाओं के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दवाओं की कमी आने पर चार्टर प्लेन भेजकर बाहर से दवा मंगवाई वहीं ट्रॉमा वार्ड में मरीजों को दवा बाहर से लेनी पड़ रही है। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों और चिकित्सकों को तुरंत हटाने एवं सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर चिकित्सकों ने वार्डों पर डीडीसी सेंटर बनाने, सभी यूनिटों में दवाओं का स्टॉक रखने जैसे सुझाव भी दिए। उन्होंने मेडिकल चिकित्सा सचिव को सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने ट्रोमा वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलकर कुशलक्षेम भी पूछी।
निरीक्षण के दौरान इस मेडिकल शिक्षा प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया, आरएमएससीएल प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल, स्टेट हेल्थ एश्योरेंस सीईओ अरुणा राजोरिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक विनय मल्होत्रा सहित चिकित्सक और अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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