जयपुर विकास प्राधिकरण के दस्ते की कार्रवाई: बारह बीघा भूमि पर बसाई गई दो अवैध कॉलोनियों को किया ध्वस्त
कार्रवाई को लेकर मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि जोन-12 के क्षेत्राधिकार में जोन-12 के क्षेत्राधिकार कालवाड़ रोड़ पर खण्डाका हास्पिटल के पीछे करीब 04 बीघा निजी खातेदारी कृषि भूमि पर बिना भूरूपान्तरण कराये नवीन अवैध कॉलोनीयॉ बसाने के प्रयोजनार्थ जेडीए की बिना स्वीकृति व अनुमति के बनायी गयी ग्रेवल सडक को पूर्व में ध्वस्त किया गया था। उक्त कृषि भूमि पर पुनः अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ विगत दिवसो में मौका पाकर रातों-रात बनायी जा रही ग्रेवल सड़के, बाउण्ड्रीवाल व अन्य अवैध निर्माण को जोन-12 के राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से पूर्णतः ध्वस्त किया जाकर नवीन अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया।
उन्होंने बताया कि जेडीए द्वारा जोन-12 के क्षेत्राधिकार निवारू रोड़ पर ग्राम-लालचंदपुरा में अवस्थित करीब 08 बीघा निजी खातेदारी कृषि भूमि पर बिना भूरूपान्तरण कराये ’श्रीराम नगर-द्वितीय’ के नाम से नवीन अवैध कॉलोनीयॉ बसाने के प्रयोजनार्थ जेडीए की बिना स्वीकृति व अनुमति के बनायी गयी ग्रेवल सडक को पूर्व में ध्वस्त किया गया था। उक्त कृषि भूमि पर पुनः अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ विगत दिवसो में मौका पाकर रातों-रात बनायी जा रही ग्रेवल सड़के बाउण्ड्रीवाल व अन्य अवैध निर्माण को जोन-12 के राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से पूर्णतः ध्वस्त किया जाकर नवीन अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयासों को विफल किया गया। उक्त कार्यवाही प्रवर्तन अधिकारी जोन-12, 06 तथा प्राधिकरण में उपलब्ध जाप्ते, लेबर गार्ड एवं जोन में पदस्थापित राजस्व व तकनिकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा सम्पादित की गई।
जविप्रा क्षेत्राधिकार में नवीन कॉलोनी काटने के प्रकरणों में ’’जीरो टोलरेंसश्श् की नीति अपनाकर प्रवर्तन शाखा में विजिलेट रहकर प्राप्त शिकायतों पर अविलंब प्रभावी विधिसम्मत कार्यवाही एवं पूर्ण ध्वस्तीकरण सुनिश्चित किये जा रहे हैं। फलतः वर्तमान में नवीन अवैध कॉलोनी काटने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हुआ हैं। जनवरी वर्ष 2019 से आज तक कुल 452 नवीन अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त कर नवीन अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयासों को विफल किया गया।
नवीन अवैध कॉलोनी बसाने वाले मास्टर प्लॉन अथवा जोनल प्लॉन अथवा सेक्टर प्लॉन की पालना नही करते; भू रूपान्तरण करवाये बिना कृषि भूमि पर ही कई दफा लगती हुई सरकारी भूमि को भी सम्मिलित करते हुए अवैध कॉलोनीयॉ का सृजन कर देते है; पार्क-सुविधा क्षेत्र का भी प्रावधान नही करते। फलतः न केवल अनियोजित विकास होता है अपितु खरीददार के जीवनभर की गाढी कमाई को दाव पर लगा देते है, वे जीवन भर समस्याओं से जूझने को मजबूर हो जाते है। सरकार-जविप्रा को रेवेन्यू प्राप्त नही होता।
जेडीए द्वारा कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कर खातेदारी सरकार के नाम करने के सबंध में विधिसम्मत कार्यवाही हेतु जोन उपायुक्त-12 को पुनः पत्र लिखा गया है। संबंधित से जेडीए के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का नियमानुसार खर्चा-वसूली व अवैध कॉलोनी बसाने वाली सोसायटियों के विरूद्ध रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग को नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही हेतु लिखे जाने की कार्यवाहियॉ सुनिश्चित की जा रही हैं। ताकि अवैध कॉलोनी बसाने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हो सके।
कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जोन के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत् कार्यवाही हेतु 77 पत्र उपायुक्त जोनस् को लिखे गये है तथा 49 निजी खातेदारो के विरूद्ध अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण में मानवीय व भौतिक संसाधनो का सम्पूर्ण खर्च राशि का अकाउन्टेट से अंाकलन करवाकर नियमानुसार जविप्रा अधिनियम की धारा 37(2) के तहत नोटिस जारी किये गये है; ऐसे मामलो में अब तक 7 निजी खातेदारो द्वारा कुल रिकवरी राशि 5,83,820/- रू जविप्रा कोष में जमा करवायी जा चुकी है। शेष रिकवरी वसूली के संबंध में प्रभावी अग्रिम विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।
सरकारी भूमि पर सालों से हो रखा अवैध कब्जा प्रशासन ने हटवाया:-
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